गुरुवार, 21 जुलाई 2011

GHSS SALWA KALLAN

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सालवा कलां, जोधपुर


मेरे कक्षा १२ वीं  के विदाई समारोह के फोटो......

   दिनेश जाखड़
   अशोक बेनीवाल
   और 
   ओमप्रकाश जी गौड़ 
   उपहार  देते हुए.....





   प्रधानाचार्य जी श्रीमान बी. आर . बंशीवाल 
   और राजू राम  कुकणा
   अशोक बेनीवाल  को विदाई समारोह पर 
    उपहार देते हुए ....... 





कक्षा १२ वीं द्वारा ' राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय , सालवा कलां को दिया गया उपहार ....

अशोक बेनीवाल, ओमपुरी ,  प्रकाश थोरी , अनिल थोरी , नेता राम , और समस्त कक्षा १२ के विद्यार्थी अपने प्रधानाचार्य जी को एक गिफ्ट सप्रेम भेंट करते  हुए .... 

बुधवार, 6 जुलाई 2011

मेहनत से ही काम बनता हैं

मेहनत से ही काम बनता हैं     
(Effort Does It )                    

मैं अशोक बेनीवाल सालवा कलां  बताना चाहता हूँ कि मेहनत से काम किस तरह बनता हैं 
दूरदर्शिता , साहस और गहराई के बिना जिन्दगी एक अँधा तजुर्बा  हैं   छोटे - छोटे कमजोर इरादे वाले और आलसी लोग हमेशा आसान रास्ता ढूढ़ते हैं , ऐसा रास्ता जिसमे सबसे कम रुकावटें हों !

   एथलीट्स १५ सेकंड के प्रद्रश्ना के लिए १५ साल तक मेहनत और प्रैक्टिस करते हैं , उनसे पूछकर देखिए कि वे भाग्य से जीतते हैं 
एक एथलीट्स से पूछकर देखिए कि एक अच्छी प्रैक्टिस के बाद वह कैसा महसूस करता हैं   वह आपको बतायेगा कि वह ऐसा महसूस करेगा जैसे उसकी शक्ति ख़त्म हो गई !
अगर वह ऐसा महसूस नहीं करता तो इसका मतलब हैं कि उसने पूरी योग्यता से प्रैक्टिस नहीं की !

भाग्य उन्ही का साथ देता हैं जो अपनी मदद खुद करते हैं     
                                                                 - अशोक बेनीवाल   




Ashok Beniwal (Choudhary)
Salwa Kallan , Jodhpur

My E-Mail ID.- ashokbeniwal111@gmail.com


My Blog ID.- a-beniwal.blogspot.com
Mo. No. 9680494916
Jat's Boy Ashok
अशोक बेनीवाल  सालवा कलां 
जिला - जोधपुर 
अनुशासन  क्या होता हैं ?    
मैं अशोक बेनीवाल आपको अनुशासन के बारे सामान्य जानकारी दे रहा हूँ 
क्या अनुशासन खुली आजादी हैं ? क्या आजादी का मतलब हैं कि हम उसके नतीजों की परवाह न करें ? क्या इसका मतलब कोई परेशानी आने या गलती हो जाने पर सही कदम उठाना हैं ? क्या यह थोपा हुआ हैं ? क्या यह नाजायज हैं ? क्या यह आजादी को छीन लेता हैं / 

    जवाब है , इनमे से कोई भी नहीं !  अनुशासन का मतलब यह नहीं कि कोई छड़ी उठाये और बच्चों को पीटना शुरू कर दे ! यह तो पागलपन हैं 
अनुशासन तो प्यार भरी द्रढ़ता हैं , यह सही दिशा हैं  यह परेशानियों को आने से पहेले ही रोकने  का नाम हैं 
यह अछि कार्य  क्षमता के लिए हमारी शक्ति को एकत्रित और क्रमबद्ध करने का एक तरीका हैं   
अनुशासन प्यार का इजहार हैं  

हर घर में अगर अनुशासन का पालन किया जाये तो युवाओ द्वारा किये जाने वाले अपराधों में ९५ प्रतिशत  तक की कमी आ जाएगी !
                                                                                                                अशोक बेनीवाल  

रविवार, 3 जुलाई 2011

द्रढ़ विश्वास आस्था से उपजता हैं

द्रढ़ विश्वास आस्था  से उपजता हैं                                
  सालवा कलां के अशोक बेनीवाल बताते हैं कि आस्था  के बिना किया गया काम एक भ्रम  या सपने की तरह हैं   आस्था चमत्कार का इंतजार नहीं करती , बल्कि उसे साकार बनती हैं !

अगर आप  सोचते हैं कि आप कर सकते हैं या आप यह सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते , तो आप दोनों ही  तरह ठीक  हैं !
                                                                                                                                                                                                                                                                                                     -अशोक  बेनीवाल 
if you think you can or if you think you can't you are right.
                                                             -Ashok Bebniwal 

 हम सब की जिन्दगी में दुःख के पल होते हैं , हम सभी गिरते हैं और चोट लगती हैं  !  हम सभी की जिन्दगी में ऐसे क्षण आते हैं जब हमारा आत्मविश्वास डगमगाने लगता हैं और हमे अपने पर रहम आता हैं ! लेकिन फिर भी  यह जरूरी हैं कि आप अपनी भावनाओं पर काबू पायें और अपनी आस्था को बनाये रखे !


    दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं  :
 *  वे लोग जो कुछ करते हैं (People who make things happen)
 *  वे लोग जो कुछ होते हुए देखते  हैं  (People who watch things happen )
 *  लोग जो यह सोचकर हैरान होते हैं कि हुआ क्या हैं (People who wonder what happened)