मेहनत से ही काम बनता हैं
(Effort Does It )
मैं अशोक बेनीवाल सालवा कलां बताना चाहता हूँ कि मेहनत से काम किस तरह बनता हैं
दूरदर्शिता , साहस और गहराई के बिना जिन्दगी एक अँधा तजुर्बा हैं छोटे - छोटे कमजोर इरादे वाले और आलसी लोग हमेशा आसान रास्ता ढूढ़ते हैं , ऐसा रास्ता जिसमे सबसे कम रुकावटें हों !
एथलीट्स १५ सेकंड के प्रद्रश्ना के लिए १५ साल तक मेहनत और प्रैक्टिस करते हैं , उनसे पूछकर देखिए कि वे भाग्य से जीतते हैं
एक एथलीट्स से पूछकर देखिए कि एक अच्छी प्रैक्टिस के बाद वह कैसा महसूस करता हैं वह आपको बतायेगा कि वह ऐसा महसूस करेगा जैसे उसकी शक्ति ख़त्म हो गई !
अगर वह ऐसा महसूस नहीं करता तो इसका मतलब हैं कि उसने पूरी योग्यता से प्रैक्टिस नहीं की !
भाग्य उन्ही का साथ देता हैं जो अपनी मदद खुद करते हैं
very beautiful ashok beniwal
जवाब देंहटाएंvery nice