रविवार, 2 अक्टूबर 2011
शुक्रवार, 30 सितंबर 2011
" पर्यावरण बचाओ "
एक आदमी एक दिन में इतनी ऑक्सीजन लेता है जितने में 3 ऑक्सीजन के सिलेंडर भरे जा सकते हैं| एक ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत होती है रु.700 इस तरह हम देखते हैं कि एक आदमी एक दिन में रु.2100 (700X3) की ऑक्सीजन लेता है और 1 साल में रु.766500 कि और अपने पूरे जीवन (अगर आदमी कि उम्र 65 साल हो) में लगभग रु. 5 करोड़ का ऑक्सीजन लेता है जो कि पेड़-पौधों द्वारा हमे मुफ्त में मिलता है और हम उन्ही पेड़ पौधों को समाप्त कर रहे हैं| SPREAD THIS MESSAGE AS MUCH AS YOU CAN. SAVE TREES! SAVE FUTURE!
अशोक बेनीवाल सालवा कलां
शुभ रात्रि फ्रेंड्स
बेनीवाल की कलम से........
दोस्तों गाय को घास खिलाने से कष्ट दूर होते हैं, पंछियों को दाना डालने से रोजगार अच्छा चलता है, कुत्तों को रोटी देने से दुश्मन दूर भागते है, ... चींटियों को आहार देने से कर्जमुक्त रहते हैं, मछलियों को आटा गोली चुगाने से समृधि आती है और - - - - - - - - - - -
कांग्रेस को वोट देने से सब किया कराया गुड गोबर हो जाता है!!!!!!!
-अशोक बेनीवाल सालवा कलां
वीर दुर्गादास राठौङ
॥जय जय राजस्थान॥
"जय सालवा कलाँ"
"धरती धोराँ री, मीठे गीतोँ री, रणवीरोँ री शूरवीरोँ री।
... अटे खून सस्तो है पण पाणी मँहगोँ है।
शीश कट्या धङ लङ्या आ शान है राजस्थान री, अमरसिँह, वीर दुर्गादास राठौङ सरीके वीरोँ री।
आ धरती है भक्ति मे तपीयोङी मीराँ री सगळी दुनिया बोल रही कि आ धरती है बलिदान री॥
"इलां न देणी आँपणे माँ हालरिये हुलराय, पूत सिखावे पालणे मरण बङाई माँय"
मेरी कलम से....
वीर, साहसी, बलिदानीँ, स्वामीभक्त का जन्म 13 अगस्त 1638 मे मारवाङ के 'सालवा' (वर्तमान मे सालवा कलाँ है) ग्राम मे हुआ था। इनके पिता का नाम आसकरण था जो जोधपुर के महाराजा जसवंतसिँह के मन्त्री थे
आसकरण जी के तीन पत्नियाँ थी इनके पिता ने मनमुटाव के कारण दुर्गादास और इनकी माँ का परित्याग कर दिया और उनको एक छोटे से गाँव 'लूनवा' मे भेज दिया।
दुर्गादास और उनकी माँ गाँव मे रहते हुए खेती बाङी कर जीवन का गुजारा करने लगे। आसकरण जी का अब उनका कोई सबँन्ध नही था।
इनकी माँ ने मारवाङ और राजवंश के प्रति भक्ति भावना कूट कूट कर भर दी।
वीर दुर्गादास राठौङ बचपन से ही साहसी और निडर थे
एक समय की बात है दुर्गादास अपने खेत रहे थे तभी एक 'राइका' पशु चराने वाले ने उनके खेत मे ऊँट चरा दिये। दुर्गादास ने उसको खेत मे पशु चराने के लिए मना किया लेकिन उस रेबारी ने राजा जसवंत सिँह तथा जोधपुर राज्य के लिए अपमानजनक शब्दो का प्रयोक किया तथा उनको गालियाँ दी।
इस घटना से क्रोध मे आकर दुर्गादास ने उस राइका को मार डाला।
समस्त देश बन्धुओँ को यह सन्देश दिया जाता आप भी अपने साहस और संयम का परिचय देवेँ।
आप भी निडर होकर ईँट का जवाब पत्थर से देना सीखो।
धन्यवाद
प्रस्तुतकर्ता :
अशोक बैनिवाल
नवयुवक मण्डल सालवा कलाँ जोधपुर
॥जाटाँ दी शान॥ प्रिय दोस्तो धरती माता का सच्चा पुत्र जाट होता है अरे वो इस धरती पर अन्न उगाता है न तो वो सर्दी देखता है न ही गर्मी, बस अपनी धुन मे लगा रहता है जब से बरसात का सिलसिला शुरु होता है वो इस सुर्य की तेज गर्मी मे अपने खेतोँ मे जाकर काम शुरु करता है सर्वप्रथम वो खेत मे जाकर अपनी भूमि को उपजाऊ बनाता है फिर बीज बोता है उसके बाद खरपतवार जिसे स्थानीय भाषा मे निनाण कहा जाता है उसके बाद फसल को काटा जाता है अर्थात जाट जी तोङ मेहनत करता है इसलिए मातृभूमि का सच्चा पुत्र जाट ही होता है जय जाट समाज
प्रस्तुतकर्त्ता:
अशोक चौधरी नवयुवक मण्डल सालवा कलाँ
जय जाट समाज सालवा कलां
''जाट तो जाट'' होते हे,
वक्त पर तलवार की धार होते हे, दिल लगाने पर दिलदार होते हे..!
कोई शक हो तो किसी से भी पूछ लो, 'जाट तो यारो के भी यार' होते हे..!!
जय जाट की, गर्व से कहो:- हम 'जाट' हे, जाट एकता जिन्दाबाद........!!!
मंगलवार, 27 सितंबर 2011
भगत सिंह जयंती
भगत सिंह जयंती आज दिनांक 27 - 9 - 2011

पर " भगत सिंह "ही एक ऐसा हुआ जिसके नाम पर देश का हर व्यक्ति अपना शीश झुकाना अपना सम्मान समझता है , और जिन्हें याद करते समय आँखों में अश्रु नही वरन दिल में जोश और देश भक्ति का जज्बा होता है
ऐसे माँ भारती के सच्चे सपूत, भारत के हर युवा और मेरे जीवन के आदर्श भगत की जयंती पर दिल की गहराई से सम्मान .....कोटि कोटि नमन....वन्दे मातरम ......
"रंग दे बसंती चोला " और 'भगत सिंह " ये सुनकर ही युवाओ के मन में जोश और रक्तचाप की दर दुगुनी हो जाती है .....
ऐसे बलिदानी वीर देशभक्तों को शत शत नमन............ अशोक बेनीवाल सालवा कलां
जय हिंद ! जय हिंद ! जय हिंद ! जय हिंद ! जय हिंद !
मेरी कलम से......
दिन आज का बड़ा सुहाना मौसम भी बड़ा सुनेहरा
हम सर पे बांध के आये बलिदानों का यह सेहरा
बेताब हमारे दिल में एक मस्ती सी चाई है
आये देश अलविदा तुझको कहने की गाड़ी आई है
महके गए तेरी फिजा में हम बनके हवा का झोका
... किस्मत वालो को मिलता ऐसे मरने का मौका
निकली है बारात सजा है इन गुलाब का डोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
मेरा रंग दे बसंती चोला......
प्रस्तुतकर्त्ता : अशोक बेनीवाल नवयुवक मंडल सालवा कलां
"Jat's Boy Ashok"
"जननी जणै तो ऐङा जणजै कै दातार, कै सूर! "
"जननी जणै तो ऐङा जणजै कै दातार, कै सूर! "
"नही तर रहीजे बाँजणी मती गमाजे नूर॥
... "जरणी जणे तो चार जणजे,
मती जणजे चालीस"
"वे चारोँ रण मे झूझता, तो वे चारोँ है चालीस॥
प्रस्तुतकर्त्ता :- अशोक चौधरी
अध्यक्ष
नवयुवक मण्डल, युवा वर्ग सालवा कलाँ, जोधपुर
मेरे प्यारे दोस्तो मै अशोक बेनीवाल आपको विश्व ह्रदय दिवश की हार्दीक शुभकामनाएँ देता हूँ । ह्रदय एक ऐसा अंग है जो कभी विश्राम नही लेता है जिस दिन हमारे ह्रदय ने विश्राम कर लिया उस दिन मनुष्य या कोई भी सजीव प्राणी इस दुनिया से सदा के लिए चला जाता है। हमारा ह्रदय निरन्तर चलता रहता है हमारा ह्रदय 1 मिनट में 72 बार धड़कता हैं
!! नवयुवक मण्डल सालवा कलाँ !!
सालवा कलाँ मे नवयुवक मण्डल का गठन हुए अभी तक ज्यादा समय नही हुआ है बल्कि 1 महीना ही हुआ है फिर भी इस मण्डल ने अपने कदम काफी गति से बढाये है।
मेरे अनुसार सालवा कलाँ के युवाओँ ने अपना एक समुह "नवयुवक मण्डल" बनाया है जिसका प्रमुख कार्यक्रम ग्रामीण विकास को बढावा देना है इस मण्डल मे गाँव के प्रमुख बुजुर्ग पंचो को शामिल नही किया गया है। हाल ही मेँ
युवाओ ने गाँव मे वीर तेजाजी महाराज के मन्दिर की नीँव दी है इस कार्य मेँ ग्रामीण पँचो को शामिल नही किया गया है क्योँकि वे युवाओँ को इस कार्य के लिए प्रोत्साहन नही दे रहे है वे अपनी पुरानी रीतियोँ को महत्व दे रहे है।
... युवाओँ ने इस कार्यक्रम बढाने की पूरी ठान ली है
दोस्तो मै A.BENIWAL आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप ज्यादा से ज्यादा इस नवयुवक मण्डल को बढावा देँ,प्रोत्साहित करेँ और इसके सदस्य बने।
धन्यवाद ।
प्रस्तुतकर्त्ता :- अशोक बैनिवाल, नवयुवक मण्डल सालवा कलाँ, जोधपुर।
सालवा कलाँ मे नवयुवक मण्डल का गठन हुए अभी तक ज्यादा समय नही हुआ है बल्कि 1 महीना ही हुआ है फिर भी इस मण्डल ने अपने कदम काफी गति से बढाये है।
मेरे अनुसार सालवा कलाँ के युवाओँ ने अपना एक समुह "नवयुवक मण्डल" बनाया है जिसका प्रमुख कार्यक्रम ग्रामीण विकास को बढावा देना है इस मण्डल मे गाँव के प्रमुख बुजुर्ग पंचो को शामिल नही किया गया है। हाल ही मेँ
युवाओ ने गाँव मे वीर तेजाजी महाराज के मन्दिर की नीँव दी है इस कार्य मेँ ग्रामीण पँचो को शामिल नही किया गया है क्योँकि वे युवाओँ को इस कार्य के लिए प्रोत्साहन नही दे रहे है वे अपनी पुरानी रीतियोँ को महत्व दे रहे है।
... युवाओँ ने इस कार्यक्रम बढाने की पूरी ठान ली है
दोस्तो मै A.BENIWAL आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप ज्यादा से ज्यादा इस नवयुवक मण्डल को बढावा देँ,प्रोत्साहित करेँ और इसके सदस्य बने।
धन्यवाद ।
प्रस्तुतकर्त्ता :- अशोक बैनिवाल, नवयुवक मण्डल सालवा कलाँ, जोधपुर।
रविवार, 25 सितंबर 2011
MESSAGE 4 MY ALL FRIENDS
सन्देश यदि कोई ATM CARD समेत आपका अपहरण कर ले तो विरोध मत कीजिए । अपहर्ता की इच्छानुसार ATM CARD मशीन मेँ कार्ड डालिए । आपका कोड वर्ड रिवर्स मेँ ... डायल कीजिए । जैसे यदि ... ... आपका कोड 1234 की जगह 4321 डायल कीजिए । ऐसा करने पर ATM खतरे को भाँपकर ... पैसा तो निकालेगा लेकिन आधा ATM मशीन मेँ फँसा रह जायेगा । इसी बीच मेँ ATM मशीन खतरे को भाँपकर बैँक और नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित कर देगा और साथ ही ATM का डोर ऑटो लॉक हो जाएगा । इस तरह आप सुरक्षित बच जाएँगे । । कृपया इसे कॉपी पेस्ट करके लोगोँ तक पहुँचायेँ
धन्यवाद्
अशोक बेनीवाल , सालवा कलां
जय जाट समाज
शरद ऋतू रे आगमन पर सुहानी ठण्ड आळी मरुभूमि री सुबह माथे सगळा जाट समाज न घणा घणा राम राम सा..***
सदियों से अगर कृषि प्रधान देश में किसी ने अपने पसीने से इस मायड़ भूमि की छाती को तपती धुप से जरा भी ठंडा किया है तो इस पवन भूमि का सच्चा पुत्र जाट है. किसी जाट बच्चे को अपने बड़े से यह पूछने की आवश्कता नहीं पड़ती की इस भूमि माँ का प्यार कैसे पाना है...यह हर जाट के खून में बसा होता है..
गर्व से कहो की हम " जाट " कुल के वंसज है
जय जाट की , राम राम सा.
''जाट तो जाट'' होते हे, वक्त पर तलवार की धार होते हे, दिल लगाने पर दिलदार होते हे..! कोई शक हो तो किसी से भी पूछ लो, 'जाट तो यारो के भी यार' होते हे..!! . जय जाट की, गर्व से कहो:- हम 'जाट' हे, जाट एकता जिन्दाबाद........!!!
-अशोक बेनीवाल S/O श्री तारा चन्द चौधरी
जय देव नागरी
भारत का रहने वाला हूँ , भारत की बात सुनाता हूँ आती है मुझे उनकी भी भाषा, माँ की सीखाई ही बोलता हूँ भारत का रहने वाला हूँ, भारत की भाषा गाता हूँ
भारत में आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है
... हिंदी माँ ने कभी नहीं सोचा होगा की मेरी संतान भी इस तरह किसी एक दिन के लिए मुझे संकुचित कर देगी, हमारे पूर्वजो ने सायद कभी नहीं सोचा होगा की ऋषि मुनियों की इस पावन भूमि आर्यावृत पर कभी हिंदी दिवस मनाया जायेगा,
यह तो वही हुआ की एक दिन साँस लेने का दिवस भी मनाया जायेगा ......विश्व मेँ चीनी भाषा के बाद सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिन्दी ही है जिसे विश्व मेँ करीब 80 करोङ लोग बोलते या प्रयोग मेँ लेते है ......अगर आप हिन्दी का प्रयोग कर रहे है तो कृपया लज्जा महसूस ना करेँ यह अपनी भाषा अपना स्वाभिमान है ..
जय भारत ,जय हिंदी , जय देव नागरी
- अशोक बेनीवाल , सालवा कलां
सीखने योग्य बातें
**३ मिनट इश्वर को याद करना बहुत मुश्किल है, पर ३ घंटे की फिल्म देखना बहुत आसान !
***पूरे दिन मेहनत क बाद gym जाना नही थकता, पर जब अपने ही "माँ- बाप" के पैर दबाने हो तो तंग हो जाते है !
**इस मेसेज को फॉरवर्ड करना बहुत मुश्किल होता है, जब की फ़िज़ूल जोक्स को फॉरवर्ड करना हमारा फ़र्ज़ बन जाता है..
-अशोक बेनीवाल सालवा कलां
. मंजिल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं करते.........!! very true and highly impressive lines - Ashok Beniwal
..................Ashok Beniwal Salwa Kallan
सोमवार, 19 सितंबर 2011
my school life
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सालवा कलां , जोधपुर
मेरे स्कूल के फोटो
उप सरपंच सालवा कलां
श्रीमान हरसुख राम जी थोरी
15 अगस्त 2010 को
अशोक बेनीवाल को मोमेंटो और प्रशंसा पत्र देते हुऐ
धन्यवाद !
पूर्व प्रधान पंचायत समिति मंडोर
श्रीमान मांगीलाल जी गेणन
अशोक बेनीवाल को
15 अगस्त 2010 को प्राइज देते हुए
विदाई समारोह 2011 -12 के फोटो
प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सालवा कलां , जोधपुर
श्रीमान बी. आर. बंशीवाल
गुरुवार, 21 जुलाई 2011
GHSS SALWA KALLAN
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सालवा कलां, जोधपुर
मेरे कक्षा १२ वीं के विदाई समारोह के फोटो......
दिनेश जाखड़
अशोक बेनीवाल
और
ओमप्रकाश जी गौड़
उपहार देते हुए.....
प्रधानाचार्य जी श्रीमान बी. आर . बंशीवाल
और राजू राम कुकणा
अशोक बेनीवाल को विदाई समारोह पर
उपहार देते हुए .......

अशोक बेनीवाल, ओमपुरी , प्रकाश थोरी , अनिल थोरी , नेता राम , और समस्त कक्षा १२ के विद्यार्थी अपने प्रधानाचार्य जी को एक गिफ्ट सप्रेम भेंट करते हुए ....
बुधवार, 6 जुलाई 2011
मेहनत से ही काम बनता हैं
मेहनत से ही काम बनता हैं
(Effort Does It )
मैं अशोक बेनीवाल सालवा कलां बताना चाहता हूँ कि मेहनत से काम किस तरह बनता हैं
दूरदर्शिता , साहस और गहराई के बिना जिन्दगी एक अँधा तजुर्बा हैं छोटे - छोटे कमजोर इरादे वाले और आलसी लोग हमेशा आसान रास्ता ढूढ़ते हैं , ऐसा रास्ता जिसमे सबसे कम रुकावटें हों !
एथलीट्स १५ सेकंड के प्रद्रश्ना के लिए १५ साल तक मेहनत और प्रैक्टिस करते हैं , उनसे पूछकर देखिए कि वे भाग्य से जीतते हैं
एक एथलीट्स से पूछकर देखिए कि एक अच्छी प्रैक्टिस के बाद वह कैसा महसूस करता हैं वह आपको बतायेगा कि वह ऐसा महसूस करेगा जैसे उसकी शक्ति ख़त्म हो गई !
अगर वह ऐसा महसूस नहीं करता तो इसका मतलब हैं कि उसने पूरी योग्यता से प्रैक्टिस नहीं की !
भाग्य उन्ही का साथ देता हैं जो अपनी मदद खुद करते हैं
अशोक बेनीवाल सालवा कलां
जिला - जोधपुर
अनुशासन क्या होता हैं ?
मैं अशोक बेनीवाल आपको अनुशासन के बारे सामान्य जानकारी दे रहा हूँ
क्या अनुशासन खुली आजादी हैं ? क्या आजादी का मतलब हैं कि हम उसके नतीजों की परवाह न करें ? क्या इसका मतलब कोई परेशानी आने या गलती हो जाने पर सही कदम उठाना हैं ? क्या यह थोपा हुआ हैं ? क्या यह नाजायज हैं ? क्या यह आजादी को छीन लेता हैं /
जवाब है , इनमे से कोई भी नहीं ! अनुशासन का मतलब यह नहीं कि कोई छड़ी उठाये और बच्चों को पीटना शुरू कर दे ! यह तो पागलपन हैं
अनुशासन तो प्यार भरी द्रढ़ता हैं , यह सही दिशा हैं यह परेशानियों को आने से पहेले ही रोकने का नाम हैं
यह अछि कार्य क्षमता के लिए हमारी शक्ति को एकत्रित और क्रमबद्ध करने का एक तरीका हैं
अनुशासन प्यार का इजहार हैं
हर घर में अगर अनुशासन का पालन किया जाये तो युवाओ द्वारा किये जाने वाले अपराधों में ९५ प्रतिशत तक की कमी आ जाएगी !
अशोक बेनीवाल
रविवार, 3 जुलाई 2011
द्रढ़ विश्वास आस्था से उपजता हैं
द्रढ़ विश्वास आस्था से उपजता हैं
सालवा कलां के अशोक बेनीवाल बताते हैं कि आस्था के बिना किया गया काम एक भ्रम या सपने की तरह हैं आस्था चमत्कार का इंतजार नहीं करती , बल्कि उसे साकार बनती हैं !
अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं या आप यह सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते , तो आप दोनों ही तरह ठीक हैं !
-अशोक बेनीवाल
if you think you can or if you think you can't you are right.
-Ashok Bebniwal
हम सब की जिन्दगी में दुःख के पल होते हैं , हम सभी गिरते हैं और चोट लगती हैं ! हम सभी की जिन्दगी में ऐसे क्षण आते हैं जब हमारा आत्मविश्वास डगमगाने लगता हैं और हमे अपने पर रहम आता हैं ! लेकिन फिर भी यह जरूरी हैं कि आप अपनी भावनाओं पर काबू पायें और अपनी आस्था को बनाये रखे !
दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं :
* वे लोग जो कुछ करते हैं (People who make things happen)
* वे लोग जो कुछ होते हुए देखते हैं (People who watch things happen )
शुक्रवार, 24 जून 2011
जिसे पैसा नहीं खरीद सकता
जिसे पैसा नहीं खरीद सकता -
What money won't buy
मैं अशोक बेनीवाल आपको आपको उन चीजो के बारे में बता रहा हूँ जिनको पैसा नहीं खरीद सकता है हमारी जिंदगी की कीमती चीजो को पैसा खरीद ही नहीं सकता ! हम अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं कि हर आदमी की कीमत होती हैं ! इओ लोग ऐसी बातें करते है वे वास्तव में खुद बिकाऊ होते हैं ! अच्छे चरित्र , निष्ठा और सही जीवन मूल्यों वाले लोग बिकाऊ नहीं होते हैं पैसा खरीद सकता हैं !
पैसे से नहीं खरीदी जाने वाली चीजें
* हंसी मगर ख़ुशी नहीं
* बिस्तर मगर नींद नहीं
* किताबें मगर ज्ञान नहीं
* एक घडी मगर समय नहीं
* साथी मगर दोस्त नहीं
* चमक-दमक मगर खूबसूरती नहीं
* खाना मगर भूख नहीं
* मकान मगर घर नहीं
* दवा मगर सेहत नहीं
गुरुवार, 23 जून 2011
आसान लगने वाला रास्ता वास्तव में मुस्किल हो सकता हैं !
Ashok beniwal
Salwa kallan
jodhpur rajasthan
Salwa kallan
jodhpur rajasthan
आसान लगने वाला रास्ता वास्तव में मुस्किल हो सकता हैं !
The easir way may actually be the tougher way
एक बार जंगल में एक लार्क चिड़िया गाना गा रही थी
तभी एक आदमी वहां कीड़ो से भरा बक्सा लेकर आया ! लार्क ने उसे रोका और पुछा ,"तुम्हारे बक्से में क्या है और तुम कहाँ जा रहे हो ?
आदमी ने जवाब दिया कि इसमें कीड़े है और वह बाजार में इनके बदले में पंख खरीदने जा रहा है !
लार्क ने कहा ,"मेरे बहुत पंख है , मै तुम्हें एक पंख दूंगी , इससे मुझे कीड़ो की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा " किसान ने लार्क को कीड़े दे दिए और बदले में लार्क ने एक पंख तोड़कर उसे दे दिया !
अगले दिन भी वेसा ही हुआ और यह सिलसिला चलता रहा , फिर एक दिन ऐसा आया कि चिड़िया के शरीर पर एक भी पंख नहीं बचा !
अब वह न तो उड़ सकती थी और न ही कीड़े पकड़ सकती थी वह बदसूरत दिखने लगी और उसने गाना छोड़ दिया और जल्दी ही मर गई !
इस कहानी से क्या सबक मिलता हैं ?
इसका सबक बहुत साफ़ हैं -जो चिड़िया को आसान लगा था वही उसके लिए मुश्किल बन गया !
Ashok Beniwal
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E-mail ashokbeniwal111@gmail.com
Blog id a-beniwal.blogspot.com
*गलती पर अड़े न रहो
*उससे सीख लो
*उसे दोहराओ मत
*न तो बहाने बनाओ और न दुसरो पर दोष लगाओ
अगले दिन भी वेसा ही हुआ और यह सिलसिला चलता रहा , फिर एक दिन ऐसा आया कि चिड़िया के शरीर पर एक भी पंख नहीं बचा !
अब वह न तो उड़ सकती थी और न ही कीड़े पकड़ सकती थी वह बदसूरत दिखने लगी और उसने गाना छोड़ दिया और जल्दी ही मर गई !
इस कहानी से क्या सबक मिलता हैं ?
इसका सबक बहुत साफ़ हैं -जो चिड़िया को आसान लगा था वही उसके लिए मुश्किल बन गया !
Ashok Beniwal
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हारने वाले तुरंत उपायों की तलाश में रहते हैं !
Loser look for quick fixes अपने बगीचे से जंगली घास-फूस निकलने के दो तरीके हैं , एक आसान रास्ता और एक थोडा मुश्किल रास्ता ! आसान रास्ता तो यह हैं कि घास काटने वाली मशीन चला दीजिये जिससे बगीचा कुछ देर के लिए अच्छा दिखने लगता हैं , मगर यह अस्थाई उपाय हैं कुछ ही समय बाद जंगली घास-फूस फिर बढ जाती हैं !
मगर थोडा मुश्किल रास्ता यह होगा कि घुटनों के बल बैठकर अपने हाथो से जंगली घास-फूस को जड़ से उखाड़ दिया जाये ! यह तकलीफ और समय लेने वाला हो सकता हैं , मगर ऐसा करने पर इससे लम्बे समय के लिए छुटकारा मिल जायेगा !
पहला रास्ता आसान था , लेकिन समस्या बनी रही , दूसरा रास्ता आसान तो नहीं था , लेकिन उसने समस्या को जड़ से मिटा दिया !
समस्या कि तह में जाना और उसे जड़ से निकालना ही सही रास्ता हैं १
यही बात हमारे नजरिये पर लागू होती हैं कुछ लोग कडुवाहट और उदासी को फैलाते हैं
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Rajasthan
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तैयारी से आत्म - विश्वास बढ़ता हैं
Preparation leads to confidence
तैयारी का मतलब हैं- हार को सह लेना, लेकिन हार न मानना !
इसका मतलब है -बगैर हार माने हार का सामना करना अर्थात मन के हरे हार हैं, मन के जीते जीत !
मायुश तो हो जाना, लेकिन होंसला नहीं खोना !
तैयारी का मतलब हैं कि अपनी गलतियों से सीख लेना
किसी भूल से निबटने के तरीके
*जल्दी ही गलती को मान लो *गलती पर अड़े न रहो
*उससे सीख लो
*उसे दोहराओ मत
*न तो बहाने बनाओ और न दुसरो पर दोष लगाओ
लगातार कोशिश इनका नाम हैं
*एक उद्देश्य (A Purpose)
*एक योजना (A Plan)
*तैयारी (preparatation)
*धैर्य (Patience)
*सिद्धांत (principle)
*कीमत (Price)
*प्रैक्टिस (Practice)
*गर्व (Pride)
*सही नजरिया (Possitive attitude)
Ashok Beniwal
Salwa Kallan
Jodhpur
Mo. No. 9680494916
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भाग्य हमेशा व्यक्तियों का साथ देता हैं
Luck shines on the deserving
एलेक्जेंडर ग्राहम अपनी पत्नी, जो ऊँचा सुनती थी , के लिए एक हियरिंग मशीन बनाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे थे वे इस हियरिंग मशीन को बनाने में नाकामयाब रहे , लेकिन इस दौरान उन्होंने टेलीफ़ोन के सिद्धांतों को ढूंढ़ निकाला! तो क्या आप ऐसे व्यक्ति को भाग्यशाली कहेंगे ?
किश्मत तभी साथ देती हैं जब पूरी तयारी और अवसर , दोनों मिलते हैं
कोशिश और तैयारी के बिना , भाग्य का संयोग नहीं बनता !
भाग्य (Luck)
उसने सारा दिन कम किया
और सारी रात काम किया
उसने खेलना छोड़ा
और मौज - मस्ती छोड़ी
उसने ज्ञान के ग्रन्थ पढ़े
और नै बातें सीखी
वह आगे बढ़ता गया
पाने के लिए सफलता जरा - सी
दिल में विश्वास और हिम्मत लिए
वह आगे बढा
और जब वह सफल हुआ
लोगो ने उसे भाग्यशाली कहा
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